कॉपीराइट या प्रतिलिप्यधिकार बौद्धिक संपदा का एक रूप है। जो एक मूल कृति के लेखक को प्रकाशन, वितरण और अनुकूलन का निश्चित समय अवधि के लिए, विशेष अधिकार देता
है। कॉपीराइट स्वामित्व, स्वामी को कुछ अपवादों के साथ कार्य का उपयोग करने का अनन्य अधिकार देता है. जब कोई व्यक्ति किसी काम को मूल रूप से तैयार करता है, भौतिक
माध्यम में संग्रहित, तो उस काम का कॉपीराइट अपने आप उसे मिल जाता है।
प्रतिलिप्यधिकार या कॉपीराइट किसी चीज के वर्णन में हैं। यदि आप कोई अच्छी कहानी लिखें, या कोई गाना संगीत-बद्ध करें, या पेन्टिंग करे तो यह किसी चीज का वर्णन होगा।
उसमें आपका प्रतिलिप्यधिकार होगा। यदि उसे प्रकाशित करें तो कोई और उसे आपकी अनुमति के बिना प्रयोग नहीं कर सकता है। भारतवर्ष में प्रतिलिप्यधिकार के बारे में
प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957 कानून है। किसी बौद्धिक संपदा पर उसके मूल रचनाकार की मृत्यु के बाद भी उस रचना पर रचनाकार के सगे संबंधियों का काॅपीराईट
उसकी मृत्यु के 60 वर्षों तक रहता है।
साधारण शब्दों में कहें तो काॅपीराईट एक्ट विभिन्न बौद्धिक संपदा के रचनाकारों को उनकी रचनाओं के लिए सुरक्षा प्रदान करता है क्योंकि कईं
बार रचनाकार की बिना पूर्व अनुमति के उसकी रचना को काॅपी करके कोई अन्य व्यक्ति उसे लाभ अर्जित करने लग जाता है। यह उस रचना के रचनाकार के साथ अन्याय है क्योंकि
उसकी मेहनत की फसल कोई और काट लेता है। इसी बात को ध्यान में रखकर ही इस महत्वपूर्ण कानून को बनाया गया है।
सजा का प्रावधान
किसी व्यक्ति द्वारा काॅपीराईट का हनन करने के स्थिति में सजा का भी प्रावधान है।
कापीराईट कानून 1957 की धारा 63 के तहत कानून का उल्लंघन करने पर 3 वर्ष तक के
कारावास या जुर्माने का प्रावधान है।
इन सबके उपर लागू होता है कापीराईट
कॉपीराइट सुरक्षा के लिए कई प्रकार के कार्य योग्य हैं, उदाहरण के लिए-
ऑडियोविजुअल कार्य, जैसे टीवी शो, फिल्में और ऑनलाइन वीडियो
ध्वनि रिकॉर्डिंग और संगीत रचनाएं
लेखन कार्य, जैसे व्याख्यान, लेख, पुस्तकें और संगीत रचनाएं
विजुअल कार्य, जैसे चित्रकला, पोस्टर और विज्ञापन
वीडियो गेम और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर
नाटकीय कार्य, जैसे नाटक और संगीत
यहां प्रयुक्त कार्यों का अर्थ हैं –
साहित्यिक रचना – इसमें कम्प्यूटर कार्यक्रम, सारणियां, संकलन और कम्प्यूटर डाटाबेस
शामिल हैं।
नाट्य रचना – इसमें गायन, नृत्य रचना या किसी प्रदर्शन में मनोरंजन का कोई रूप,
नाट्य प्रबंध या अभिनय जिसका रूप लिखित या किसी अन्य रूप में तय हो, शामिल
हैं।
संगीत रचना – इसमें संगीत रचनाएं शामिल हैं, ऐसी रचनाओं का ग्राफीय रूप शामिल
है लेकिन इसमें संगीत के साथ गाए, बोले या अभिनीत किए जाने वाले शब्द या
अंगविक्षेप शामिल नहीं हैं।
कलात्मक रचना – इसका अर्थ है चित्र, मूर्ति, आलेख (जिसमें आरेख, मानचित्र, चार्ट
या प्लान भी शामिल है), उत्कीर्णन, या फोटोग्राफ, भले ही उनमें कलात्मक गुण हों
या न हों। इसमें स्थापत्य रचनाएं और कलात्मक कारीगरी की कोई अन्य रचनाएं भी
शामिल हो सकती हैं।
चलचित्र रचना – इसका अर्थ है किसी ऐसी प्रक्रिया में जरिए, जिससे किसी भी तरह
चलती-फिरती छवि निर्मित की जा सकती है, बनाए गए किसी माध्यम पर दृश्य
रिकार्डिंग की कोई रचना।
ध्वनि रिकार्डिंग – इसका अर्थ है ध्वनियों की रिकार्डिंग जिससे ध्वनियां निर्मित की
जा सकती हैं, उस माध्यम पर ध्यान दिए बिना, जिससे ध्वनियां निर्मित की गई हो।
अपवाद अर्थात निम्न स्थितियों में काॅपीराईट कानून के तहत केस से बचा जा सकता है-
कॉपीराइट स्वामी को श्रेय दिया हो
उल्लंघनकारी सामग्री से कमाई नहीं की है
विचाराधीन सामग्री की प्रतिलिपि के लिए शुल्क दिया हो
समान सामग्री को इंटरनेेट पर कहीं और भी देखा है
सामग्री को हार्ड या डिजिटल कॉपी सहित खरीदा हो
सामग्री को स्वयं टीवी, मूवी थिएटर या रेडियो से रिकॉर्ड किया हो
सामग्री की स्वयं किसी पुस्तक, मूवी पोस्टर या फोटोग्राफ से प्रतिलिपि बनाई है
यह उल्लिखित किया हो कि “किसी कॉपीराइट उल्लंघन के लिए अभिप्रेत नहीं है”
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